Dragon Fruit Plant – ड्रैगन फ्रूट का परिचय बताये तो हिंदी भाषा में पिताया के नाम से जाना जाता है। और उनका वैज्ञानिकी नाम selenicerous undatus है। पहले यह ड्रैगन फ्रूट को चीन मेक्सिको और अमेरिका जैसे देश उगाया करते थे। Show
यह फल के अद्भुत औषधीय गुणो के कारन आज हमारे भारत में भी ड्रैगन फ्रूट की खेती होने लगी है। ड्रेगेन फ्रूट की खेती करने आपको सबसे पहले बुआई करनी पड़ती है। वह एक सामान्य तरीका होता है। उन्हें काट कर लगाना पड़ता है। गुणवत्ता पूर्ण पौधे की छंटाई से ड्रेगेन फ्रूट के सैंपल तैयार कर दिए जाते है। लगभग 20 सेमी लंबे सैंपल को खेत में लगाया जाता है। यह पौधों को सुखे गोबर के साथ मिला कर मिट्टी में बुआई करनी पड़ती है। उनके औषधीय गुणों की वजह से आज यह पूरी दुनिया भर में प्रसिद्ध हो चूका है Dragon Fruit Plant In Hindi
ड्रेगेन फ्रूट की खेती के लिए कई प्रकार की भूमि का प्रयोग किया जाता है। क्योकि उन्हें अलग अलग प्रकार की मिटटी में उगाया जाता है। मगर सबसे अच्छी जमी की बात बताये तो जल निकास वाली रेतिली दोमट मिट्टी ड्रेगेन फ्रूट की खेती के लिए उत्तम होती है। जल निकासी वाली मिट्टी और बेहतर जिवाश्म यह उपज के लिए सबसे बेहतर हुआ करती है। फलों के बेहतर रंग और की गुणवत्ता के लिए हल्की भूमि फ्रूट के लिए अच्छी रहती है। ड्रेगन फ्रूट की खेती करने के लिए मिट्टी का पीएच मान 5.5 से 7 तक सबसे अच्छा माना जाता है। यह फ्रूट की खेती के लिए आपको सबसे पहले खेत को अच्छी तरह जोंत कर समतल बना देना चाहिए बाद में मिट्टी में मौजुद सारे खरपतवार साफ करना होता है। जैविक कंपोस्ट मिट्टी में देदेना चाहिए। एक हेक्टेयर जमीन में तक़रीबन 70-80 टन सड़ी हुई खाद् जमीं पर बिखेर कर साथ में पोटाश और फास्फोरस जरुरत के सप्रमाण मिला के खेत तैयार करते है। इसके बारेमे भी पढ़िए – कृषि क्या है, कृषि का अर्थ एवं परिभाषा Dragon Fruit Plant के लिए जलवायु
ड्रेगेन फ्रूट उपोष्ण जलवायु का पौधा होने कारन यह पौधे के लिए 50 सेमी वार्षिक औसत की बारिश की जरूरत हुआ करती है। क्योकि फलों के विकास करने और फलो को पकने के समय में शुष्क जलवायु की आवश्यकता हुआ करती है। आपको बतादे की ज्यादा सूर्य प्रकाश ड्रेगेन फ्रूट के के लिए अच्छा नहीं है। इसी लिए आपको उनकी खेती के लिए छायादार खेत बनाना पड़ता है। जिसके कारन 20 से 30 डिग्री सेल्सियस तापमान में यह पौधा बहुत ही अच्छे से विकसित हो सकता है। आपको यह भी बतादू की यह फ्रूट का पौधा कम उपजाऊ जमीन और तापमान में भी जीवित रह सकता है मगर उसमे से पको उपज जीतनी चाहिए उतनी नहीं मिलती है। Dragon Fruit की बुआईअच्छी तरह से खेत तैयार करने के बाद में ड्रेगेन फ्रूट की बुआई के लिए सबसे सामान्य तरीका आपको उपयोग करना चाहिए। 2 X 3 मीटर दूर 40 या 50 सेंटीमीटर आकार के गड्ढे मई माह के समय में खोद कर तक़रीबन15 दिनों के लिए उन्हें छोड़ देना है। जिसके कारन गड्ढों को अच्छी धूप लग जाए और कीड़े-मकोड़े जैसे नुकसान कारक जिव ख़त्म हो जाये। ड्रेगेन फ्रूट की खेती में बुआई का सबसे सामान्य तरीका है काट कर लगाना। गुणवत्ता पूर्ण पौधे की छंटाई से ही ड्रेगेन फ्रूट के सैंपल तैयार करने चाहिए। तकरीबन 20 सेमी लंबे सैंपल को खेत में लगाने के लिए इस्तेमाल करना चाहिए। पौधों को सुखे गोबर में गोल कर साथ में मिट्टी मिलाकर रोप देना चाहिए। गड्डों में पौधों की रोपाई करदेने के बाद मिट्टी डालते समय पर थोड़ा फास्फेट एव कंपोस्ट भी डालना चाहिए जिससे पौधा अच्छे से विकिसत होता है। ड्रैगन फ्रूट की प्रजातियाँविस्व में पितया (ड्रैगन फ्रूट) की बहुत-सी प्रजातियाँ देखने को मिलती हैं। लेकिन हमारे यहाँ मुख्य रूप से तीन प्रजाति उगाई जा रही हैं।
ड्रेगेन फ्रूट फसल की सिंचाई करना जरुरी हैएक एकड़ खेत जमीन पर 1600 से 1700 ड्रेगन फ्रूट के पौधे लगाने चाहिए। और उसके पौधों को तेजी से बड़े करने के लिए लकडी का तख्त या कंक्रीट भी लगा सकते है। ड्रेगन फ्रूट की बुवाई जून-जुलाई या फरवरी -मार्च में हुआ करती है। लेकिन बारिश ज्यादा होने वाले विस्तारो में सितंबर या फरवरी – मार्च में लगते है। उसे लगाने के पश्यात हल्की सिंचाई करनी जरुरी है।
Dragon fruit crop manure and fertilizerकिसी भी खेत पेदश को जल्द और पूर्ण रूप से विकसित करने के लिए आपको ड्रेगेन फ्रूट के लिए खाद एवं उर्वरक डालना जरुरी है। लेकिन उसे डालने से पहले मिट्टी की जांच करने आवश्यक है। बाद ही तय करें की कौन सी मात्रा में कौन सा खाद डालना जरुरी होता है। लेकिन समय बताये तो ड्रेगेन फ्रूट के पौधों की वृद्धि के लिए कार्बनिक पोषक तत्व मुख्य भूमिका निभाते हैं। उसी कारन आपको 15 से 20 किलो जैविक उर्वरक/जैविक कंपोस्ट देना चाहिए। उसके साथ फसल को विकास के लिए रासायनिक खाद भी जरुरी है।
ड्रेगेन फ्रूट के फूल एवं फल कैसे होते हैड्रेगेन फ्रूट के पौधे में फूल मई-जून के महीने में लगते हैं। एव अगस्त से दिसंबर तक फल भी लगने की शुरुआत होजाती है। यह फ्रूट को एक महीने के पश्यात ही तोड़ा जा सकता है। और यही समय में पौधों से पांच से छ वक्त फल तोड़ सकते है। आपको बतादे की कच्चे फलों का रंग गहरे हरे रंग का हुआ करता है। लेकिन पकने पर ड्रेगेन फ्रूट का रंग लाल हो जाता है। आपको फल तोड़ने लायक हुए है या नहीं यह फलों के रंग से ही बहुत आसानी से पहचाना जा सकता है। फल जब 70 प्रतिशत लाल या पीला होने लगे तब तोड़ लेना जरुरी है। क्योकि थोड़ा सख्त तोडने से आपको बाजार में पहुंचने में बहुत ही सरल रहता है। समय समय तोड़ने से आपको बाजार भी उपलब्ध होता है। ड्रेगेन फ्रूट में कीट और बीमारीआपको सुनकर हैरानी होगी मगर बतादे की ड्रेगेन फ्रूट की खेती में अब तक किसी प्रकार की कीट या बीमारी नहीं लगी है। यह ड्रेगेन फ्रूट खेती की मुख्यत खासियत मानी जाती है। क्योकि किसी भी पौधे को बीमारी होने का कोई भी केस सामने नहीं आया है। यह पौधे लगाने के बाद ही एक ही साल में फल देने शुरू हो जाते है। ड्रेगेन फ्रूट का उत्पादन और लाभहर ड्रैगन फ्रूट का एक पौधा एक सीज़न के दौरान 3 से 4 बार फल देने में सक्षम होता है। एक फल का वजन की बात करे तो तक़रीबन 300 से 800 ग्राम तक का फल आपको प्राप्त होता है। एक पोल की सहायता से आपको 60 से 130 फल लगने की संभावना रहती है। जिसका वजन 17 से 35 किलो का हो सकता है। फल प्रति एकड़ की बात करे तो 7000 किलो का उत्पादन प्राप्त होने के चांस रहता है। उन्हें बाजार में बेचने से आपको 5 से 7 लाख का मुनाफा प्राप्त होता हैं। क्योकि उनकी बाजार कीमत 200 – 250 रु तक हुआ करती है। इसके बारेमे भी पढ़िए – कृषि क्या है, कृषि का अर्थ एवं परिभाषा ड्रैगन फ्रूट के फायदे
Dragon Fruit Plant In Hindi Video
Interesting Fact –
FAQ –Q : ड्रैगन फ्रूट का वैज्ञानिकी नाम क्या है ?Ans : ड्रैगन फ्रूट का वैज्ञानिकी नाम selenicerous undatus है। Q : ड्रैगन फ्रूट को हिंदी में क्या कहते हैं ?Ans : ड्रैगन फ्रूट को हिंदी भाषा में पिताया कहा जाता है। Q : ड्रैगन फ्रूट कौन से देश में पाया जाता है?Ans : सेंट्रल एशिया, अमेरिका, मेक्सिको और चीन जैसे देशों में उगाया। Q : ड्रैगन फ्रूट कैसे खाया जाता है?Ans : सीधे काटकर, ठंडा करके, चाट या सलाद में, मुरब्बा, कैंडी या जेली बनाकर और शेक बनाकर खाया जाता है। Q : ड्रैगन फ्रूट की कीमत कितनी है?Ans : यह मजेदार ड्रैगन फ्रूट की बाजार कीमत 200 से 300 रुपये प्रति किलोग्राम है। मगर अलग अलग जगहों पर कीमत सैम नहीं है। Conclusion –आपको मेरा How To Grow Dragon Fruit Plant In Hindi बहुत अच्छी तरह से समज आया होगा। लेख के जरिये हमने dragon fruit plant price, ड्रैगन फ्रूट की कीमत और dragon fruit benefits से सम्बंधित जानकारी दी है। अगर आपको अन्य किसी खेत उत्पादन के बारे में जानना चाहते है। तो कमेंट करके जरूर बता सकते है। Note –आपके पास dragon fruit plant in india, ड्रैगन फ्रूट के पौधे कहां मिलेंगे की जानकारी या dragon fruit tree price की कोई जानकारी हैं, या दी गयी जानकारी मैं कुछ गलत लगे तो दिए गए सवालों के जवाब आपको पता है। तो तुरंत हमें कमेंट और ईमेल मैं लिखे हम इसे अपडेट करते रहेंगे धन्यवाद |